National Park in Gujarat-गुजरात के राष्ट्रीय उद्यान की जानकारी

National Park in Gujarat-गुजरात के राष्ट्रीय उद्यान की जानकारी
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National Parks in Gujarat in Hindi-

गुजरात के राष्ट्रीय उद्यान राज्य में मौजूद काफी सारी नस्लो वाले अलग-अलग प्रकार के जंगली जानवरो को यहां सुरक्षित रहने के लिए एक बहुत बड़ा और अहम कदम है, जो मरीन  राष्ट्रीय उद्यान, गिर वन्यजीव अभयारण्य, वंसदा राष्ट्रीय उद्यान और ब्लैकबक राष्ट्रीय उद्यान जैसी भौगोलिक रूप से अलग-अलग है और जीव-जंतुओं के रहने के हिसाब से उनका घर है। इन पार्कों के भीतर हर इलाके के लिए वनस्पतियों और जीवों की उनकी विशेषता के अनुसार ही उनका रहने का इंतजाम किया गया है।

Rashtriya Udyan in Gujarat-

1. Gir National Park/ गिर नेशनल पार्क

गिर राष्ट्रीय उद्यान और वन्यजीव अभयारण्य एशियाई शेरों के लिए एक सुरक्षित और खास घर है। गुजरात में तलाला गिर में बना, अभयारण्य काठियावाड़-गिर सूखे पर्णपाती जंगलों के ईकोरियोजन का एक हिस्सा है। गिर राष्ट्रीय उद्यान हर साल 16 जून से 15 अक्टूबर तक बंद रहता है और यहा पर  वन्यजीवों को देखने का सबसे अच्छा समय अप्रैल और मई है।

गिर आपको एक ऐसी जगह पर जाने का यादगार अनुभव देता है जो अनोखे रूप से कई जानवरों की खास प्रजातियो के संरक्षण के लिए और उनको  बनाए रखने में  अच्छी भूमिका निभाता है। यहा  शेरों के संरक्षण की पहल जूनागढ़ के नवाब ने तब की थी जब ये शिकार की वजह से विलुप्त होने लगे थे।

2010 में शेरों की संख्या 411 थी। इसके अलावा, यहाँ जीवों की लगभग 2375 अलग-अलग प्रजातियाँ हैं जिनमें मैमल्स की 38 प्रजातियाँ, पक्षियों की 300 से अधिक प्रजातियाँ, रेप्टाइल्स की 37 प्रजातियाँ और कीड़ों की 2000 से भी ज्यादा प्रजातियाँ हैं। यहाँ पाए जाने वाले कुछ खास वन्यजीव  हैं तेंदुआ, चौसिंगा, चित्तीदार हिरण, लकड़बग्घा, सांभर हिरण और चिंकारा।

पता- गुजरात के जूनागढ़ और गिर सोमनाथ जिलों के पास

2. Bhavnagar Blackbuck National Park/ भावनगर ब्लैकबक नेशनल पार्क

भावनगर ब्लैकबक नेशनल पार्क, वेलावदर भारत के गुजरात के भावनगर जिले में बना है। यह राष्ट्रीय उद्यान यहा पर  आने वालों को एक यादगार और अनोखा अनुभव देता है। इस राष्ट्रीय उद्यान का जंगल घना और सुंदर है। घास के मैदान भावनगर ब्लैकबक नेशनल पार्क बर्डवॉचर्स के बेहद खूबसूरत है। यह अभ्यारण्य को मुख्य रूप से ब्लैकबक्स के संरक्षण के लिए घोषित किया गया है। वैसे, आप अन्य मैमल्स और पक्षियों की काफी ज्यादा तादाद देख सकते हैं।

समतल जमीन, सूखी घास और मृगों के झुंड ने हमेशा इस पार्क में घूमने आने वालों के लिए आकर्षण का केंद्र बनाया है, जिसमें घास के मैदान बहुत सुंदर है  और यहां की खूबसूरती में चार चांद लगा देते हैं। कृष्णमृग, भेड़िया और लेसर फ्लोरिकन (एक बस्टर्ड) के लिए यहा संरक्षण चल रहा  हैं। आज इस पार्क में सबसे ज्यादा जानवरों और पक्षियों की आबादी रहती है। 2012-2013 की सर्दियों में दिन के उजाले के दौरान यहा के भेड़ियों की संख्या अब पहले से  बढ़ रही है, जैसा कि धारीदार लकड़बग्घे हैं।

पता-  उद्योग भवन, ब्लॉक नं. 16, चौथी मंजिल, सेक्टर-11, गांधीनगर – 382 010

3. Vansda National park/ वंसदा राष्ट्रीय उद्यान

सह्याद्री पर्वतमाला के बीच में बना, यह  वन्यजीव पार्क लगभग 24 वर्ग किलोमीटर की जगह में फैला हुआ है। इसका नाम वंसदा पड़ा क्योंकि कभी यहा पर आम तौर पर वंसदा के महाराजा का राज था। उसके बाद से अब तक यहा एक भी पेड़ नहीं काटा गया है। इसी वजह से कहीं-कहीं यहा पेड़ इतने ज्यादा घने है की सूर्य की रोशनी नहीं पहुंच पाती है। यह एक खुला पार्क है, और यदि आप यहा अपने वाहन में घूमना चाहते हैं तो आप आसानी से परमिट ले कर सकते हैं।

यह गुजरात के नवसारी जिले में है और वंसदा शहर से 110 मिनट की ड्राइव दूर है। वंसदा, पार्क वंसदा गांव और इसके आसपास की जगह के लिए प्रमुख व्यापारिक जगह है, जो जनजातियों ने बसाया है, जिन्हें आमतौर पर आदिवासी कहा जाता है। पार्क “वाघई” शहर के बहुत करीब है जो डांग जंगलों के लिए एक अंदर जाने की जगह है। जंगलों में घूमने फिरने वाले और वहां पर नई-नई चीजें खोजने वालों के लिए  यह जगह  स्वर्ग है , यह स्थान वनस्पतियों और जीवों की सैकड़ों अलग-अलग और अनोखी किस्मों से भरा पड़ा है।

पार्क में पाए जाने वाले जानवरों में भारतीय तेंदुआ, ढोल, रीसस मकाक, आम पाम सिवेट, हनुमान लंगूर, छोटे भारतीय सिवेट, चार सींग वाले मृग, जंगली सूअर, भारतीय साही, भौंकने वाले हिरण, धारीदार लकड़बग्घा, जंगली बिल्ली, उड़ने वाली गिलहरी, पैंगोलिन शामिल हैं। और भारतीय विशाल गिलहरी, अजगर और जहरीले सांप जैसे रसेल वाइपर, कोबरा और क्रेट भी पाए जा सकते हैं।

पता-  वंसदा, गुजरात 394710

4. Marine National Park/ मरीन नैशनल पार्क

कच्छ की खाड़ी में समुद्री राष्ट्रीय उद्यान भारत के गुजरात राज्य के देवभूमि द्वारका जिले में कच्छ की खाड़ी के दक्षिणी किनारे पर बना है। 1980 में ओखा से जोदिया तक 270 किमी की जगह को समुद्री अभयारण्य घोषित किया गया था। बाद में, 1982 में, भारत के वन्यजीव  अधिनियम, 1972 के तहत 110 किमी2 के मुख्य जगह को समुद्री राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया था। मरीन नेशनल पार्क में जामनगर के किनारे पर 42 द्वीप हैं, जिनमें से ज्यादातर चट्टान से घिरे हुए हैं।

आर्थ्रोपोड में झींगे की 27 प्रजातियां, केकड़ों की 30 प्रजातियां, झींगा मछली, झींगा और अन्य क्रस्टेशियन शामिल हैं। मोती सीप और समुद्री स्लग जैसे मोलस्क मौजूद हैं। रंग बदलने वाले ऑक्टोपस भी पाए जाते हैं। स्टारफिश, समुद्री खीरे और समुद्री अर्चिन जैसे इचिनोडर्म मौजूद हैं।  मछलियाँ पफर फिश, समुद्री घोड़ा, स्टिंग रे, मडस्किपर और व्हेल शार्क हैं जो एक लुप्त होने वाली  प्रजाति हैं। हरे समुद्री कछुए, ओलिव रिडले और लेदरबैक जैसे लुप्त होने की कगार पर समुद्री कछुए यहां देखे जा सकते हैं। समुद्री सांपों की तीन प्रजातियां होती हैं। डगोंग और छोटे सिटासियन जैसे फिनलेस पोरपॉइज़, कॉमन डॉल्फ़िन, बॉटलनोज़ डॉल्फ़िन और इंडो-पैसिफ़िक हंपबैक डॉल्फ़िन हैं।  बड़ी व्हेल  जैसे ब्लू व्हेल, सेई व्हेल देखी जाती हैं। व्हेल शार्क गहरे इलाकों में पाई जा सकती हैं।

यहा पर फ्लेमिंगो कॉलोनी, 20,000 घोंसलों तक पहुंचने के लिए जाना जाता है और यहां कई सारी पक्षी प्रजातियां पाई जाती हैं जैसे – केकड़ा प्लोवर, सैंडपिपर्स, वेस्टर्न रीफ एग्रेट, ग्रेट एग्रेट, रफ, यूरेशियन ऑयस्टरकैचर, ग्रीनशैंक्स, रेडशैंक्स, गुल्स , स्किमर्स, बतख, पेलिकन, सारस, गॉडविट्स, टर्न्स।

पता- आशा मरुदी, गुजरात 361330


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Piyush Kumar

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