National Parks in Bihar- बिहार में पाए जाने वाले राष्ट्रीय उद्यान की जानकारी

National Parks in Bihar- बिहार में पाए जाने वाले राष्ट्रीय उद्यान की जानकारी
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बिहार में कुल 21 वन्यजीव अभयारण्य और 1 राष्ट्रीय उद्यान हैं। बिहार में राष्ट्रीय उद्यान वाल्मीकि राष्ट्रीय उद्यान है जो एक बाघ अभयारण्य है। यह बाघों की प्रजातियों को सुरक्षित रखने के लिए सरकार द्वारा एक खास कदम है।

List of national parks in Bihar/ Rashtriya Udyan in Bihar-

1. वाल्मीकि टाइगर रिजर्व

वाल्मीकि टाइगर रिज़र्व भारत में हिमालय के तराई के जंगलों की सबसे पूर्वी पर है, और बिहार का एक ही टाइगर रिज़र्व है। देश के गंगा के मैदानी जहा जगली जानवरों को सुरक्षित रहने की जगह देने के लिए एक दम सही है , जंगल में भाबर और तराई इलाके एक साथ है।

वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के जंगल में पाए जाने वाले वन्यजीव हैं बंगाल टाइगर, भारतीय गैंडे, एशियाई काले भालू, भारतीय सुस्त भालू, ऊदबिलाव, भारतीय तेंदुआ, जंगली कुत्ता, जंगली भैंस और जंगली सूअर साथ ही साथ  हिरण की कई प्रजातियाँ हैं, जिनमें भौंकने वाला हिरण, चित्तीदार हिरण, हॉग हिरण, सांभर, नीला बैल शामिल हैं। इसके अलावा धारीदार लकड़बग्घा, तेंदुआ बिल्ली, मछली पकड़ने वाली बिल्ली, लंगूर, बंदर, उड़ने वाली गिलहरी, बादल वाला तेंदुआ, भारतीय गौर, नेवला भी देखा जा सकता है। रिजर्व में बाघ की आबादी 2010 में 10 थी, जो 2013 में बढ़कर 22 और फिर 2018 में 40 हो गई है।

वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में आमतौर पर पाए जाने वाले रेप्टाइल्स जैसे अजगर, किंग कोबरा, क्रेट, बैंडेड क्रेट और हाउस स्नेक (सैंड बोआस) हैं। पानी में रहने वाले रेप्टाइल्स  में घड़ियाल, मॉनिटर लिजार्ड आदि खास हैं। 

2. Gautam Buddha Wildlife Sanctuary/ गौतम बुद्ध वन्यजीव अभयारण्य

गौतम बुद्ध वर्ल्ड लाइफ सेंचुरी बिहार के “गया”  जिले में बसा है। यह वाइल्ड लाइफ सेंचुरी के रूप में 1976 में स्थापित हुआ था।वन्यजीव अभ्यारण्य बनने से पहले, यह जगह एक निजी शिकार अभ्यारण्य था। यहा निचले गंगा के मैदानी इलाकों, नमी वाले पर्णपाती जंगलों और छोटा नागपुर सूखे पर्णपाती जंगल शामिल हैं।  इस वाइल्ड लाइफ सेंचुरी में पाए जाने वाले कुछ खास जंगली जानवरों में शामिल है- बाघ, तेंदुआ, सांभर, सुस्त भालू, भेड़िये, चित्तीदार हिरण, नीलगाय, चिंकारा आदि शामिल है और पक्षियों की भी  कई प्रजातियाँ है।  अभयारण्य में एक रहने की जगह भी है  “गया”  से 65 km की दूरी पर है, जहां एक रेलवे स्टेशन और हवाई अड्डा है।

पता- गया जिला, बिहार कोडरमा जिला, झारखंड

3. भीमबांध वन्यजीव अभयारण्य

भीमबांध वन्यजीव अभयारण्य वन्यजीव अभ्यारण्य की 1976 में मुंगेर जिले में स्थापना की गई थी। यह पूरे 681.99 km में फैला हुआ है। यह गंगा नदी के दक्षिण में, छोटा नागपुर पठार के उत्तरी किनारे में बना हुआ है। भीमबांध में दो प्रमुख बायोम मौजूद हैं यानी। घास का मैदान और जंगल भी यहा पर है। घाटी के हिस्सों में और नीचे की तरफ कई गर्म झरने हैं, जिनमें भीमबांध, सीता कुंड और ऋषि कुंड सबसे अच्छे हैं। सबसे खास जंगली जानवरों में बाघ, तेंदुआ, जंगली सूअर, सुस्त भालू, सांभर हिरण, चीतल, चार सींग वाला मृग और नीलगाय शामिल हैं। जो यहां की खास वनस्पति है वह है-  साल के जंगल, बांस के जंगल, घास के मैदान आदि शामिल हैं।  इस अभयारण्य में पक्षी जीवन के लिए मोर, ग्रे पार्ट्रिज, बटेर, मालाबार हॉर्नबिल, बाज़, पतंग आदि है।  अभयारण्य के पास भीमबांध, ऋषि कुंड, रामेश्वर कुंड, खड़गपुर झील आदि जैसे कई पर्यटन स्थल यहां मौजूद हैं।

पता-  भीमबंद, बिहार 811202

4. Pant (Rajgir) Wildlife Sanctuary / पंत (राजगीर) वन्यजीव अभयारण्य

पंत (राजगीर) वन्यजीव अभयारण्य की स्थापना 1978 में नालंदा जिले में हुई थी। पंत वन्यजीव अभयारण्य भारत में एक वन्यजीव अभयारण्य है । यह भारत में राजगीर के पास है। यह नालंदा वन प्रभाग के अंतर्गत आता है। यह दक्षिण गंगा के मैदान में राजगीर पहाड़ी में बना वन्य जीव अभ्यारण है।  इसमें पेंटेड स्परफाउल, यूरेशियन थिक-नी, पार्ट्रिज, ब्लैक एंड ग्रे बटेर, हॉर्नबिल, तोता, कबूतर, मैना आदि पक्षी प्रजातियां भी पाई जाती हैं। खास जीवों में चीतल या चित्तीदार हिरण, नीला बैल, धारीदार लकड़बग्घा, भारतीय कलगीदार साही, एशियाई पाम सिवेट, जंगली बिल्लियाँ आदि शामिल हैं। अभ्यारण्य के अलावा, वन विभाग द्वारा चीतल, नीलगाय और सांभर के एक बंब पार्क भी है।

अभयारण्य में बड़े मैमल्स की 28 प्रजातियों, पक्षियों की 183 प्रजातियों, रेप्टाइल्स की 39 प्रजातियों, एंफीबियंस की 11 प्रजातियों, मछलियों की 13 प्रजातियों और तितली की 51 प्रजातियों के साथ की नसले है, जिनमें से कई लुप्त होने की कगार पर हैं।

पता- नालंदा जिला, बिहार, भारत

5. Kaimur Wildlife Sanctuary/ कैमूर वन्यजीव अभयारण्य

कैमूर वन्यजीव अभयारण्य कैमूर जिले और बिहार के रोहतास जिले में बना है। यह राज्य का सबसे बड़ा अभयारण्य है और कैमूर रेंज के पठारी इलाके में 581.07 वर्ग मील की  जगह में फैला हुआ है। यह 1979 में स्थापित किया गया था। यहा पर सूखे पर्णपाती, सूखे साल वन, बोसवेलिया वन और सूखे बांस ब्रेक हैं। यह लुप्त होने वाली वनस्पतियों और जीवों का घर है। रोहतासगढ़ किला और शेरगढ़ किला भी इन जंगलों में हैं। इसमें कई मेगालिथ, युग की रॉक पेंटिंग और  पुराने समय के पत्थर के शिलालेख भी हैं। बिहार सरकार ने इसे टाइगर रिजर्व बनाने की योजना बनाई है।

कैमूर वन्यजीव अभयारण्य में पाए जाने वाले खास जानवर बंगाल टाइगर, भारतीय तेंदुए, भारतीय सूअर, भारतीय पैंगोलिन, सुस्त भालू, सांभर हिरण, भारतीय मंटजैक, चार सींग वाले मृग, चीतल, नीलगाय और सरीसृप, कीड़े और तितलियों की काफी सारी प्रजातियां हैं। यह पक्षियों की 70 से अधिक प्रजातियों का घर है, जो साल भर यहां रहते हैं।

पता-  कैमूर, बिहार 821102


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Piyush Kumar

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