National Parks in Meghalaya– मेघालय में स्थित राष्ट्रीय उद्यान की जानकारी
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ToggleNational Parks of Meghalaya in Hindi-
मेघालय में बहुत सारे अभयारण्य और राष्ट्रीय उद्यान जो की प्रकृति की खूबसूरती से भरे हुए हैं और पर्यटकों को रोमांचक और सुकून का अनुभव देते हैं। मेघालय राष्ट्रीय उद्यान औषधी वाले पौधों के साथ-साथ अलग- अलग तरह के ऑर्किड, विदेशी फलों और सब्जियों के अलावा मुश्किल से मिलने वाली वनस्पतियों और जीवों की खास विदेशी जानवरों की प्रजातियो के लिए दुनिया भर में जाने जाते हैं।
यह जगह पूरे देश में सबसे ज्यादा वर्षा वाले इलाके के लिए जानी जाती है, यही कारण है कि राज्य के लोगों को हरे-भरे वातावरण और सुंदर झरने यहा देखने को मिलते है। मन को खुश कर देने वाले झरने, खूबसूरत पहाड़ियां, गुफाएं और वन्यजीव अभ्यारण्य इस राज्य की तरफ पर्यटको को अपनी ओर खींचने का एक मुख्य कारण है।
Rashtriya Udyan in Meghalaya-
1. Nokrek National Park/ नोकरेक राष्ट्रीय उद्यान
नोकरेक राष्ट्रीय उद्यान तुरा शहर से लगभग 45 km की दूरी पर है, जो गारो पहाड़ियों में है। पार्क एक बहुत कम दिखने वाली प्रजाति, होलॉक गिबन्स का संरक्षण देने के लिए जाना जाता है। पार्क में बड़ी संख्या में जंगली हाथियों को देखा जा सकता है और पार्क ‘वानर-मनुष्य’ की धरती के रूप में जाना जाता है, जो अक्सर यहा घूमने के लिए जाने जाते हैं। पार्क के काफी सारे जीवों के अलावा, यह कई अलग- अलग तरह के उपयोगी पौधों का भी घर है जो खास तौर से इस जगह में पाए जाते हैं। यह जगह सुंदर प्राचीन चूना पत्थर की गुफाओं के साथ-साथ अच्छी तरह से रखी गई वन पटरियों के लिए मानी जाती है, जो यहां पाई जा सकती हैं।
नोकरेक जगह में “लाल पांडा” की बची आबादी है जिसने दुनिया भर में लोगों को इसे देखने की इच्छा पैदा की है। नोकरेक भी एशियाई हाथी का एक खास रहने की जगह है। पार्क में बिल्लियों की आठ प्रजातियाँ है , जिनमें रॉयल बंगाल टाइगर से लेकर मार्बल वाली बिल्ली भी आती है।
पार्क के पास खास आकर्षण है- सिमसांग जलप्रपात, वाची जलप्रपात, नोकरेक मैदान, गारो हिल्स, चूना पत्थर सिजू गुफाएं, रोंगबैंग डेयर झरना।
पता- तुरा, मेघालय 794001. नोकरेक राष्ट्रीय उद्यान – तुरा – पश्चिम गारो हिल्स – मेघालय
2. Balpakram National Park/ बलपक्रम राष्ट्रीय उद्यान
बलपक्रम राष्ट्रीय उद्यान भारत के मेघालय में गारो हिल्स में एक राष्ट्रीय उद्यान है, जो बांग्लादेश के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा के करीब 910 मीटर की ऊंचाई पर है। दिसंबर 1987 में बलपक्रम राष्ट्रीय उद्यान स्थापित किया गया था और भौंकने वाले हिरण, एशियाई सुनहरी बिल्ली, बंगाल टाइगर, मार्बल वाली बिल्ली, जंगली जल भैंस, लाल पांडा और भारतीय हाथी के लिए रहने के लिए सुरक्षित जगह के रूप में बनाया गया है।
बालपक्रम राष्ट्रीय उद्यान पौधों और जानवरों की काफी सारी फैली हुई प्रजातियों का घर है। इसकी वनस्पति में घास के मैदान, बांस के जंगल, पर्णपाती पेड़ , घड़े के पौधे और ड्रोसेरा जैसे मांसाहारी पौधे आते हैं।
रिकार्ड की गई प्रजातियों में भारतीय हाथी, चीतल हिरण, जंगली पानी वाली भैंस, लाल पांडा, बंगाल टाइगर और मार्बल वाली बिल्ली हैं। वन्यजीव अभ्यारण्य में नदियाँ और झीलें पक्षियों की अलग-अलग प्रजातियों का घर हैं।
पता- रोंगचेंगगिरी, मेघालय 794114
3. Siju Bird Sanctuary/ सिजू पक्षी अभयारण्य
सिजू पक्षी अभयारण्य पार्क के बगल में बहने वाली सिमसंग नदी के करीब में है। साइबेरियाई बत्तख जैसी मुश्किल से दिखने वाले और जो लुप्त होने की कगार पर है वो पक्षी प्रजातियों की एक अच्छी किस्म नदी के पास पाई जा सकती है, जो देखने के लिए एक बेहद खूबसूरत नजारा बनाती है।
यह पक्षी अभयारण्य खास तौर से देखने लायक है क्योंकि आपको इस तरह का कोई दूसरा अभयारण्य नहीं मिलेगा जो केवल पक्षियों का संरक्षण करता हो। कुछ और पक्षी जो आप यहाँ देख सकते हैं वे -ग्रे हॉर्नबिल और मोर तीतर हैं। पार्क के पास के आकर्षण है : गारो हिल्स, नोकरेक बायोस्फीयर रिजर्व, बालपक्रम राष्ट्रीय उद्यान।
पता- मेघालय 794114
4. Nongkhyllem Sanctuary/ नोंगखिलेम अभयारण्य
नोंगखिलेम अभयारण्य लगभग 29 वर्ग km की जगह में फैला हुआ है और अलग-अलग कई मुश्किल प्रजातियों के प्रजनन की जगह के रूप में काफी माना जाता है, जिसमें रेप्टाइल्स, पशु, पक्षी और अन्य जीव इसमें आते हैं। अभयारण्य मेघालय के री-भोई जिले के पास में है और आपको यहां बंगाल टाइगर, काले भालू, तेंदुए और बहुत सारे प्रकार के जीव मिलेंगे। गर्दन वाले हॉर्नबिल और ब्राउन हॉर्नबिल पक्षी जैसे और भी जानवर जो विलुप्त होने के कगार पर हैं वे यहा पाए जाते है।
नोंगखाईलेम अभयारण्य में मेघालय के वनों के बहुत से ऐसे हिस्से भी हैं जिन्हें लोगों ने आज तक देखा भी नहीं हैं। इनमें कुछ हिस्सों में जोक भी पाई जाती है। यहां बसने वाली काफी सारी वन्य जीव प्रजातियों में से कुछ हैं रौयल बंगाल टाईगर, भारतीय सांड (बाइसन), हिमालयन काला भालू, क्लाउडेड लैपर्ड, आदि।
इनके अलावा पक्षियों की भी बहुत सी रंगीन व खूबसूरत प्रजातियां यहां मिल जाती हैं, जो जंगलों की झाड़ियों और पेड़ों में रहती है। इस तरह से देखा जाए तो यह जगह पक्षी प्रेमियों के लिए सबसे बढ़िया है। इनमें से कुछ प्रजातियां जैसे भूरी हौर्नबिल, मणिपुर बुश क्वैल, रूफ़स नेक्ड हार्नबिल, आदि हैं। बहुत से विदेशी प्रवासी पक्षी भी दूर जगहों या देशों से इस अभयारण्य में आते हैं। कीड़े और मकड़ियों की भी प्रजातियां यहां काफी सारी देखी जाती है।
पता- 20th मील नोंगपोह, लैलाड
5. Baghmara Reserve Forest/ बाघमारा रिजर्व फॉरेस्ट
बाघमारा आरक्षित वन दक्षिण गारो पहाड़ियों के बीच है और भागमारा शहर के बहुत करीब है। आपको इस जंगल में अलग अलग तरह की वनस्पतियों और जीवों की खोज करने को मिलेगी जिसमें जंगली हाथी, लंगूर, मुश्किल से मिलने वाले घड़े के पौधे और कुछ जंगली फूल शामिल हैं। साथ ही, आप गारो के समूह को भी देखेंगे जो यहां अपने अनोखे तरीके से रहता है।
पता- ब्लॉक रोड, बाघमारा, मेघालय 794102
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